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आज सुबह जब मैं पूजा घर मे पूजा कर रही थी तो मेरा ध्यान आसाराम बापू के उस चित्र की ओर गया जिसे मेरी सासु माँ बड़ी श्रद्धा के साथ वह लगाया था …जिसे वो रोज तिलक लगाती …हार पहनाती और रोज शाम घंटो चित्र के समक्ष ध्यान लगाती उन की बापू जी के प्रति इस आसीम श्रद्धा को देख कर मैं भी हाथ जोड़ लिया करती थी………..।
परंतु पिछले दिनो जो कुछ भी घटित हुआ उसे सुन कर लगता है आम आदमी अपने ही जैसे दूसरे आम आदमी को कैसे भगवान का दर्जा दे देता है..उसे ईश्वर के जैसे पूजता है…उसे अपने दुख दर्द सुनाता है….और अपने कष्टो के निवारण कि अपेक्षा रखता है ,लेकिन जब वही संत रूपी ढ़ोगी अपने पाखंड से भोले भाले भक्तो को न सिर्फ छलता है बल्कि उसकी असीम श्रद्धा का उपहास उड़ता है…तो ये प्रतिएक अनुयाई कि श्रद्धा एवं विश्वास को गहरा आघात पहुचाता है!आज हर आदमी का जीवन कष्टों एवं संघर्षो से भरा है… हर कोई रोजी रोटी की दौड़ में एक दूसरे से आगे भाग निकलने की कोशिश में लगा हुआ है …अपनी इस आपा धापी की जिंदगी से थक कर कुछ पल मन शांति चाहता है और भटकता है उसकी तलाश में कुछ की तलाश तो उन्हें ‘पब’ तक ले जाती है और जो नहीं जा सकते या नहीं जाना चाहते वे अपने मन की शांति के लिए बाबा एवं साधू संतो के भक्त बन जाते है…….और तब शुरू होता है अंध श्रधा का खेल……..
ये साधू संत अपने समागमो एवं सत्संगो के माध्यम से अपने भक्तो को कष्टों से मुक्ति का ऐसा मार्ग दिखाते है की भक्त श्रधा एवं विश्वास की तेज़ जल धारा में तिनके सा बहा चला जाता है…ये बाबा एवं साधू संत अपने भक्त को ऐसे भक्ति के नशे में डुबो देते है जिससे परे व्यक्ति को सत्य की अनुभूति हो ही नहीं पाती और वो अपना सर्वस्व अपने ईश्वर सद्रश्य गुरु को समर्पित करने को तैयार रहता है!
लेकिन जिस तरह सुबह होने पर रात्रि का नशा उतर ही जाता है ठीक वैसे ही आम इन्सान या भक्त भी इस अंध श्रधा की नींद से तब जगता है जब उसकी श्रधा एवं विश्वास से खिलवाड़ का घिनौना सत्य उजागर होता है………जैसा की अभी हाल में आसाराम बापू के भक्तो के समक्ष प्रस्तुत हुआ…हालाँकि गुरुओ एवं बाबाओ द्वारा आम आदमी को छलने का कृत्य नया नहीं है परन्तु इस बार बात धन,दौलत,सम्पति…सत्ता से ऊपर सवाल नारी की अस्मिता का है…..जो किसी भी सूरत में छम्य अपराध नहीं है!
सोचिये! क्या अंतर है सड़क छाप बलात्कारियो एंव इन सफ़ेद पोश पाखंडियो में,सिर्फ इतना कि..एक आम बलात्कारी के खिलाफ आवाज उठाना आसन हो सकता लेकिन इन के दामन को दागदार साबित करना बहुत मुश्किल….आम अपराधी के खिलाफ आरोप सिद्द करने के लिए सुबूत जुटाए जा सकते लेकिन इनके खिलाफ सबूत जुटाना बहुत मुश्किल…..!
हालाँकि इस बार आवाज भी बुलंद है और साक्ष्य भी मजबूत…..आसाराम की काली करतूतों की विडियो क्लिप्स उनके सेवादार के द्वारा दी जा चुकी है..समझा जा रहा है कि आसाराम के बारे में कुछ और अहम खुलासे तब हो सकेंगे, जब उनके आश्रम की वार्डन शिल्पी गिरफ्तार कर ली जाएगी. आसाराम के गुनाहों की सबसे बड़ी राजदार वार्डन शिल्पी अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. उसके महाराष्ट्र में छिपे होने की खबर है. पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है.बहरहाल, यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद आसाराम के पुराने गुनाहों की भी पोल-पट्टी खुलती जा रही है. उस पर सूरत, इंदौर, दिल्ली व जूनागढ़ के आश्रमों में अवैध कब्जे का इल्जाम है. अब गुजरात व राजस्थान समेत कई राज्य सरकारों की निगाहें उनके अवैध आश्रमों की ओर हैं.
ये सत्य है कि इस घटना से देश का समस्त संत समाज हाशिये पर है ..व समस्त संत समाज से लोभ,मोह,बासना को त्याग कर सच्चे धर्म के मार्ग पर चलने कि गुहार लगाई जा सकती है….और अगर वे स्वयं ईमानदारी के साथ वैराग्य का पालन नहीं कर सकते तो अपने सत्संगो एवं समागमो में भक्तो को झूठे उपदेशो से भ्रमित नहीं करना चाहिए………
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