Anshu Gupta
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उस पहले कदम की उंगली ने
जीवन की राह दिखाई
क्या सच?क्या झूठ?
दुनिया की नीति सिखाई
उन की आंखो से जग देखा
हर दृष्टि उनही से पाई
पूर्व जन्म का पुण्य मेरा
जो मै आपके आँगन आई
बेटी को bojha न samjha
बेटे से बाद कर पाला
सिक्षा दी,संस्कार दिये
सत्य के साँचे मे ढाला
अडिग रहे चरित्र सदा
कुछ ऐसी नीव रखाई
मन की हर दुविधा को बूझा
हर क्यो का उत्तर समझाया
खुद ही बनो सहारा अपना
ये सत्य आप ने बतलाया
आप की कृति(मै)
अपनी रचना मे देती बहुत बधाई
मेरे सपनों की खातिर
अपने सपनों को कुरवां किया
दिल मे दबा कर चाहत अपनी
मेरा पूरा हर अरमान किया
धन्य तपस्या आपकी पापा
जो बेटी ,बेटे सी बन पाई
उस पहले कदम की उंगली ने जीवन की राह दिखाई,………..
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